लेखनी कहानी -04-Oct-2022
Title - मां जगदंबे काली
Writeup -
मेरी मां जगदंबे काली
जिसका वचन कभी ना जाए खाली,
जय माता काली
उनके चरणों में स्वर्ग बसे वह है मेरी मां काली
उनको जगत प्रेम पूजता है भारतवासी
नवरात्रि व्रत हमारा माता बनाए मुझे शक्तिशाली
है वह सब के प्राण दाता जो जाए उनके चरणों में हाली
हर किसी का कष्ट दुख हरती मां छप्पर वाली
मैं हूं उनका प्रेम पुजारी, जब भी मैं टूट जाता
वह मुझे देती त्रिशूलधारी
लहू बहे देह से, पूजता हूं मैं पुष्पांजलि
उनके चरणों में जाते ही बंद हो जाती लहू की लाली
वह है मेरी जगदंबे काली
पूजता जगत प्रेम विशाल उनका है माली
मेरी मां जगदंबे काली मेरी मां खप्पर वाली
जय जय जय जय मां काली तेरी चरणों में है सबकी डाली
आता तेरी चरणों में विशाल तेरा पुजारी,
मां जगदंबे काली जय माता काली
जय माता काली मां जगदंबे काली
जय माता काली जय मां काली
और कितना कहूं अपनी मां के बारे में
हर गुनाहों की माफी है मां के आंचल में ।।
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Khan
06-Oct-2022 11:44 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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Suryansh
05-Oct-2022 11:15 PM
बहुत ही उम्दा और सशक्त रचना
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SHAYAR VISHU KING
05-Oct-2022 10:59 PM
आप सभी का आभार , शुक्रिया
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